हर घड़ी

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हुस्न तेरा चांद को भी मात देता जा रहा है!  ईसलिए कोई दिन पे दिन तुझमे खोता जा रहा है!  दुनिया का हर इक मंजर फीका लगता है उसे!  एक शख्स ...

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